पोस्टल बैलेट में राजपत्रित हस्ताक्षर मूहर की छूट को लेकर हाई कोर्ट जाने का फैसला
High Court regarding Exemption
( अर्थप्रकाश / बोम्मा रेडड्डी )
विशाखापत्तनम : High Court regarding Exemption: हमने डाक मतपत्र में राजपत्रित हस्ताक्षर की छूट पर उच्च न्यायालय जाने का फैसला किया है।
विदित होआंध्र प्रदेश में हल हुए चुनाव के बाद जब बेल्ट पेपर की गिनती की कार्यक्रम और तैयारी चल रहे हैं वहां पर इस राज्य के प्रमुख चुनाव अधिकारीश्री मीणा जी नेआदेश दिया किबैलट पेपर में हस्ताक्षर पर्याप्त है अगर मोर नहीं है तो भी गिनती में शामिल किया जाए कहना लोगों को आग बबूला बना दियाऔर इसके विरोध में आंदोलन की चेतावनी भी दे रहे हैं इतना ही नहींआंध्र प्रदेश में चुनाव के दौरान हुए11 मतदान केदो से अधिक जगह लूटपाट आगजनी हुई लेकिन एकमात्र एक व्यक्ति के ऊपर मामला दर्ज करते हुए बाकी को डर किनारा करना भी संविधान के विरुद्ध है उसके ऊपर भी कोर्ट में जाने की तैयारी कर रहे हैं क्योंकि आगजनी दुकानों में आग लगाना गाड़ियों में आग लगाना इस तरह के घटनाएं सीसी फुटेज के माध्यम से 11 से अधिक जगह हुए हैं और घटना होने के दो-तीन दिन के बाद फिर होना भी संविधान के विरोध हैइन सारे मुद्दों को लेकर हाईकोर्ट या उच्च न्यायालय जाने का भी तैयारी में लगे हैं वह से पार्टी के साथ-साथ अन्य राजनीतिक दल भी
आज यहां प्रेस कोसंबोधन करते हुएपार्टी के राज्यसभा सदस्यऔर पूर्व तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के प्रधानवायु सुब्बा रेड्डी ने कहा कि. . यदि देश भर में एक समान नियम है तो चुनाव आयोग आंध्र प्रदेश राज्य के लिएआंध्र प्रदेश राज्य के लिए विशेष नियम कहता है कहकर उसकी छूट देना संविधान कोअपमान करना ही होता हैऔर विशेष करके चुनाव में विशेष करके इस तरह के बयान चुनाव अधिकारी को नहीं देना !
राजपत्रित हस्ताक्षरितबैलट पेपर मेंचुनाव अधिकारी की मोहर बहुत जरूरी हैवरनाबेल्ट पेपर नौकरी भी बन सकता हैमोर ही एक विशेष प्राथमिकता रखता है कि वह बैलट पेपर को प्रमाणिक तौर पर उसे दिन उसे समय उसे अधिकारी के हस्ताक्षर के बाद उसने मोर होना आवश्यक हैअलग-अलग चुनाव केदो में अलग-अलग मोर अधिकारियों को दिया जाता है उसके बिना वालिद पेपर की काउंटिंगसंविधान के विरोध है और ऐसा नहीं होना चाहिएहम इस विषय को लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी तलब करने की तैयारी में है कहावाईएसआर पार्टी केराज्यसभा सदस्य वायु सुब्बा रेड्डी
लेकिन भले ही कोईअलग आदेश भी होवह आदेशकैसे चलेगा देशभर के लिए एक कानून चुनाव प्रक्रिया को लेकर और आंध्र प्रदेश के अलग कानून तो नहीं हो सकतामोर के बिना अकाउंट किया जाए हस्ताक्षर ही यह प्रमाणिक हो जाएगा कहना एक हास्य पद औरगलत इरादों को और शंका को उत्पन्न करने वाली बात होती है यह कदापि अनुचित है कहा सुब्बा रेड्डी ने ।